
Sex-Teacher-ka-Feature
Meri Tuition teacher ne dikhaya apna sex feature…

यह बात उस समय की है जब मैं बारहवीं क्लास में पढ़ता था, मेरी उम्र लगभग १७ साल थी, मेरा पढ़ने का बिलकुल मन नहीं करता था, मैं हर समय घूमने या खेलने में रहता था। कुछ ही दिनों में मेरी परीक्षाएं भी थी पर न जाने क्यों मुझे उसकी परवाह न थी।
उस शाम जब मैं पार्क से घर वापस आ रहा था तब मैंने मोहल्ले में भीड़ लगी देखी। बहुत दिनों से बंद पड़े एक घर के बाहर बहुत से लोगो की भीड़ थी, मैंने भी वहाँ जाकर देखा। पूछने पर पता चला की वो घर अब किसी और ने ले लिया है।
मैं एक बेपरवाह सा लड़का हूँ भला मुझे इस सब से क्या मतलब इसलिए मैं घर की ओर चल दिया।
जैसे ही घर पहुंचा पापा सामने बहुत गुस्से में बैठें थे ( क्योंकि मेरे स्कूल से उन्हें खत आया था जिसमे मेरी शिकायतों की बड़ी सूची थी )
पापा – कब सुधरोगे तुम ? इतने बड़े हो गए हो और आज भी तुम्हारे स्कूल से शिकायतें आती रहतीं हैं।
पापा इतने गुस्से में थे की आज मुझे मार ही देंगे। पर माँ ने मुझे बचा लिया और अपने साथ कमरे में ले गयीं। …
माँ ने कहा की यदि मैं इस बार भी मैं अच्छे नंबर नहीं लाया तो वो मुझे यहां से बहुत दूर अपने गांव भेज देंगी। गाँव जाने की बात सुनकर मुझे थोड़ा अजीब तो लग रहा था पर पढाई से मोह्हबत करने का मूड मेरा बिलकुल नहीं था।
माँ और पापा के बीच में मेरे ट्यूशन को लेकर वार्तालाप चल रहा था।
माँ – जो घर बहुत दिनों से खाली था उसमे नए पड़ोसी आएं हैं, सुना है वो बच्चो को ट्यूशन भी पढ़ाते हैं।
पापा – ठीक है, मैं अभी जाकर इसकी बात करके आता हूँ।
पापा मुझे अपने साथ पड़ोस वाले घर में ले जा रहे हैं। मैं चलते चलते कुछ सोच ही रहा था उतने में टीचर का घर आ गया। पापा के कहने पर मैंने दरवाजा खटखटाया जब मैंने पहली बार टीचर को देखा, उनके तने हुए स्तनों और बड़ी गांड ने मेरा दिमाग हिला कर दिया, मैंने अपने पुरे जीवन में आज से पहले इतनी खूबसूरत औरत कभी नहीं देखी थी।
पापा ने टीचर के सामने मेरी बेज़्ज़ती करना शुरू कर दिया, उन्होंने बोला की मैं पढ़ने में बिलकुल शून्य हूँ, यह सुनकर टीचर खिलखिला के हस उठीं। और मेरा नाम पूछा …
टीचर – क्या नाम है तुम्हारा ?
मैं अभी भी टीचर को ही निहार रहा था, उनकी नशीली आँखे जैसे मुझे बुला रहीं हों
मैं – जी अ…अखिल श्रीवास्तव।
टीचर फिर मुस्कुराईं, और बोलीं कल से तुम्हारी क्लास शुरू, कल सुबह जल्दी आ जाना। अब जाओ सो जाओ “गुड नाइट”…
यह कहकर उन्होंने मेरा गाल चूमा और सर पर हाथ फेरा। पता नहीं क्यों मैं उनकी ओर खींचा जा रहा था या ऐसा कहें की वो मुझे अपनी ओर खींच रहीं थीं। टीचर का खूबसूरत चेहरा मेरे दिमाग में गोल गोल घूम रहा था पर मैंने खुदपर काबू किया और बात करके पापा के साथ वापस आ गया।
उस पूरी रात मैंने सोने की बहुत कोशिश की पर टीचर का चेहरा बार बार मेरे सामने आ रहा था।
टीचर ने कल सुबह मुझे जल्दी बुलाया था। इसलिए अपने दिमाग में चल रहें यौन ख्यालों को शांत करके सो गया।
……

आज मैं पहली बार सुबह जल्दी उठा था क्योंकि आज टीचर से मेरी पहली मुलाकात थी।
टीचर के घर पहुंचकर मैंने दरवाजा खटखटाया।
टीचर ने लाल साड़ी में दरवाजा खोला ( लाल साड़ी में वों किसी दुल्हन की तरह लग रहीं थी )
टीचर – अरे वाह, आ गये तुम, आओ अंदर आ जाओ और गेट लॉक कर दो।
मैं अंदर गया और गेट बंद कर दिया। टीचर मेरे आगे चल रहीं थी उनकी गांड ऐसे मटक रही थी मानो दो पहाड़ आपस में लड़ रहें हो की ” तू बड़ा या मैं बड़ा ” …
मैं पानी लेकर आती हूँ , तुम वहां बैठो …
टीचर ने मुझे ड्राइंग रूम में जाने का इशारा किया।
टीचर – जल्दी से खोलो और बहार निकालो।
मैं – क्… क्या टीचर ?
टीचर – अपना बैग खोलो और किताबे बहार निकालो, बुध्दू … बहुत शरारती हो तुम।
मेरी किताबों में लिखी हुई गलतियों को दिखाते हुए टीचर मेरे करीब आ गयी।
मेरा दिल की बहुत तेज़ तेज़ धड़कने लगा …
मैं टीचर से दोस्ती करना चाहता था, पर मुझे तो अभी तक उनका नाम भी नहीं पता था।
मैंने दबी हुई आवाज में टीचर से उनका नाम पुछा…
मैं – आपका नाम क्या है, टीचर ?
टीचर – जानवी, तुम्हारी जानवी…
मैं मुस्कुराया और उनकी और देखने लगा। टीचर की निगाहें किताब में थी और मेरी उनपर, इतने में अचानक न जाने कैसे टीचर का पल्लू नीचे सरक गया।
टीचर की गोरी छाती पर काला तिल देखकर मेरा खड़ा हो गया और मैं अपना एक हाथ जेब में डाल कर अपने लंड को मसलने लगा।
टीचर ने टीचर ने अपना पल्लू ठीक किया और एक दम से मेरी ओर देखा, मेरा एक हाथ जेब में था, और मैं अभी भी अपने लंड को सहला रहा था।
टीचर – ये तुम्हारी जेब में क्या है ?
मैं – कुछ नहीं टीचर ” मैंने घबराकर कहा “
टीचर – जल्दी दिखाओ वर्ना मैं तुम्हारे पापा से शिकायत कर दूंगी।
मैं – आप खुद ही देख लीजिये …
जैसे ही टीचर ने मेरी पेंट की जेब में हाथ डाला उनके कोमल हाथ में मेरा सुडौल लंड आ गया।
टीचर – यह क्या बदतमीज़ी है, बुलाओ अपने पापा को …
मैं – घबराते हुए, टीचर से अपनी दिल की बात कह बैठा। ” टीचर आप मुझे बहुत अच्छीं लगतीं हैं मैंने आपके जितनी सुंदर लड़की कभी नहीं, मैं केवल एक बार आपके होठों को चूमना चाहता हूँ। “
मेरी बात सुनकर टीचर जोर जोर से हसने लगीं , और बोलीं …
टीचर – पहले मुझे और अपने मम्मी पापा को एक अच्छा बच्चा बनकर दिखाओ फिर मैं तुम्हे रोज़ ” एक किस्स दूंगी “
मैं – पक्का ???
टीचर – हाँ बेटू, पक्का चलो अब पढाई में ध्यान लगाओ।
टीचर की उस बात ने मेरे मन में हज़ारों ख्याली पुलाओ बना दिए और मैं ख़ुशी से झूम उठा। मैंने मन में ठान लिया था की अब मुझे अच्छा बनकर दिखाना है। इसी बीच समय बीत गया और ट्यूशन खत्म तो हो गया पर आज पहली बार मेरा और पढ़ने का मन कर रहा था।
टीचर – चलो आज की क्लास खत्म अब कल आना, और जो बोला है पढ़ कर आना …
मैं – थोड़ी देर और पढ़े टीचर ?
टीचर – हाहाहा … हाहाहाहा …. एक दिन में ही आइन्स्टाइन बन जाओगे क्या, जाओ जाकर आराम करो।
अगली सुबह मैं टीचर के घर गया, घर का दरवाजा पहले से ही खुला था। मैं भीतर गया और टीचर को ढूंढने लगा जैसे ही में कमरे के करीब पहुंचा कमरे में से आवाजें आ रहीं थी ”आह आह आह रुको आराम से दर्द हो रहा है ” जैसे ही मैंने थोड़े से खुले उस गेट से अंदर का नज़ारा देखा मेरे होश उड़ गए।
टीचर घोड़ी बनकर अपनी बड़ी गाँड़ चुदवा रहीं थी और एक बूढ़ा आदमी हाँफते हुए कुत्ते की तरह उन्हें चोदने में लगा था।
बूढ़ा आदमी – ओह…. ओह…. साली रांड, आज तेरी गांड चोद चोद कर फाड़ दूंगा।
टीचर – रुक जाओ आह … उह्ह्ह आह रुक जाओ प्लीज़, बहुत दुःख रहा है…
वो बूढ़ा आदमी टीचर के बालो को अपने हाथ में लपेटकर उन्हें और जोर जोर से चोदने लगा।
चुद चुद कर टीचर की हालत काफी खराब हो गयी थी।
थोड़ी ही देर में टीचर बिस्तर गिर पड़ीं।
और वो बूढा आदमी उन्हें नंगी हालत में वैसा ही छोड़ कर चला गया। और घर का मेन गेट बहार से लॉक कर गया।
मैं उनके ड्राइंग रूम में छुप कर यह नज़ारा देख रहा था, मैं घर भागने की सोच रहा था पर दरवाजा बहार से लॉक हो चुका था। और टीचर की बड़ी गांड देखकर मेरा भी उन्हें चोदने का बहुत मन करने लगा इसलिए मैं उनके पास गया, और उनके नंगे बदन को अपने हाथों से सहराने लगा।
टीचर इतना थक चुकीं थी की उन्हें कुछ होश न था।
मैंने उनकी तरबूज़ जैसे चुचों के बीच में अपना मुँह घुसेड़ लिए और उनकी गुड्डियों (निप्पल) को चूसने लगा,
धीरे धीरे मैं नीचे की ओर बढ़ा और उनकी कमर तक पहुंचा उनकी कमर मखमल की तरह थी।
मैं उनके पूरे शरीर को अपनी जीभ और होठों से चाटने लगा। अब मैंने धीरे धीरे उनकी कच्छी उतारी, टीचर की चूत बिलकुल लाल थी, उनकी चूत देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया और मैं घुटनो पर बैठकर उनकी चूत चाटने और चूसने लगा …
टीचर – अम्म्म …. आह आह अम्म्म ओह …
मैं – मजा आ रहा है ?
टीचर – बहुत, करते रहो ” दबी हुई आवाज में “
मैंने लगातार २० मिनटों तक उनकी चूत चाटता रहा उनकी चूत का रस भी उनकी तरह लाजवाब था।
टीचर की कामुक आवाज मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थी। टीचर अभी भी पूरी तरह से होश में न थीं, पर उन्हें कुछ कुछ होश था।
अब मेरा उन्हें चोदने का मन था मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उनकी गर्म गीली चूत पर उसे फिराने लगा मैं अंदर डालने ही वाला था की अचानक …….

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